TAPOVAN VIKAS SANSTHAN
Saturday, July 28, 2012
Saturday, April 7, 2012
Tuesday, April 3, 2012
Monday, September 19, 2011
तपोवन का इतिहास :--पवन कुमार (सागर), संयोजक, तपोवन विकास संस्थान
तपोवन बिहार के गया जिलान्तर्गत मोहड़ा प्रखंड पहाड़ एवं जंगल के बीचोबीच बसा है जहाँ चार गर्म जल कुण्ड मोजूद है तपोवन पृथ्वी के सृजन की तारीख से दुनिया में जाना जाता अर्थात् तपोवनं यहोवा बुधा (बुध के पथ) 15 किलोमीटर मार्ग पर स्थित है. गया से वजीरगंज से लेकर नवादा रोड से 15 किलोमीटर. खिजरसराय से पटना -गया रोड से २५ किलोमीटर. राजगीर से १५ किलोमीटर , तपोवन पूजा के स्थान के रूप में जाना जाता है जहां भगवान ब्रम्हा के चार अर्थात् पुत्र सनक , सनंदन , सनातन और सनत कुमार अपने पिता के आदेश पर तपस्या किया फलस्वरूप चार गर्म जल कुंद का निर्माण किया है. वे चार हॉट स्प्रिंग्स / कुन्ड में नहाने से किसी भी त्वचा रोगों को दूर के लिए अब उपलब्ध है. चार हॉट स्प्रिंग्स / कुन्ड ब्रह्मा के बेटों के नाम पर रखा है,. सभी क्षेत्र उच्च हरे पहाड़ों से घिरा हुआ है जहाँ लोगों को साँस पूरी तरह मुक्त प्रदूषण ले सकते हैं.भगवान बुध राजगीर से बोधगया की यात्रा के लिए रवाना हुए तो तपोवन के पास बीमार हो जाने के कारण तपोवन में तीन दिनों तक विश्राम किया,और तपोवन गर्म जल कुण्ड में स्नान कर ठीक हुए थे और आगे की यात्रा शुरू की.तपोवन बुध का स्थान है ,तपोवन को बुध सर्किट से जोरने की जरुरत हैजो महत्व बोधगया राजगीर का है वही तपोवन का ,तपोवन के रजा पिन्दा गुफा में बुध बागवान च्तुर्मासा बिताये हैतपोवन एक तीर्थ स्थल एवं पर्यटन स्थल है ,यहाँ मलमास मेला एक महीने का लगता है ,तपोवन में हर वर्ष मकर संक्रान्त्री को मेला लगता है ,लोग स्नान ,ध्यान एवं दान पुन्य करते है,तपोवन विकास संसथान तपोवन के इतिहास पर एक पुस्तक लिख रही है
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